RADICAL
Friday, November 9, 2012
बेरुखी
बेरुखी
ईश मिश्र
बेरुखी कभी भी बेबात नहीं होती
अश्को की दरिया में किश्ती नहीं चलती.
बेबात बेरुखी बुरी होती है
वहम-ओ-गुमां से जुड़ी होती है
यह आदत है धनवानों की
तर्कहीन विद्वानों की.
No comments:
Post a Comment
‹
›
Home
View web version
No comments:
Post a Comment