RADICAL
Thursday, November 29, 2012
ये मस्त लहरें
ये मस्त लहरें, उमडता हुआ समंदर
नायाब मोती छिपे हैं इसके अंदर
हर लहर के साथ इसमें आता बदलाव
परिवर्तन ही है इसका एकमात्र स्थायी भाव
हर नई सुबह के साथ लाता नयी धुप-छाँव
नया होता है समंदर रखते जब दुबारा पाँव
No comments:
Post a Comment
‹
›
Home
View web version
No comments:
Post a Comment