RADICAL
Sunday, September 23, 2012
अमूर्त प्यार
अमूर्त प्यार
ईश मिश्र
यह दूर दूर का अमूर्त प्यार
खामोशी से गोल-मोल इजहार
न ही कोइ जीत न ही कोइ हार
बिना मुलाक़ात होता नहें प्यार
(
क्या तुकबंदी बन गयी)
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