Tara Shanker प्रगैतिहासिक बात तो तो नहीं, जेयनयू के पहले दशक की है। मैं 1976 में भूमिगत अस्तित्व की संभावनाएं तलाशते दिल्ली आया और एक इलाहाबादी सीनियर (डीपी त्रिपाठी) को खोजते जेयनयू पहुंच गया। त्रिपाठी जी तो जेल में थे, इवि के एक अन्य, तबतक के अपरिचित सीनियर मिल गए और मैं प्रवेश के पहले जेयनयूआइट हो गया। 1977 में आपातकाल खत्म होने पर प्रवेश लिया। उस समय प्रवेश की इतनी मारामारी नहीं थी। प्रवेश के बादल120 रु की मेरिट-कम-मीन्स छात्रवृत्ति मिल गयी, 100 रु मेस बिल आता था। जेयनयू तब से अपना गांव-देश बन गया। 1983 में रस्टीकेसन के बाद भी बना रहा।
July 2015.
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