RADICAL
Wednesday, August 21, 2013
जज्बात में भर कर उमंग
जज्बात में भर कर उमंग
चलते जाओ उम्मीदों के संग
कट ही जायेगी राह
हो जब मंजिल की चाह
हो जायेगी सारी थकान दूर
चढ़ेगा जब मजिल का सुरूर.
[ईमि
/
20.08.2013
]
2 comments:
रविकर
August 21, 2013 at 9:18 PM
क्या बात है आदरणीय-
मस्त
सटीक-
पर गुरूर से दूर, प्यार भरपूर चाहिए |
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Ish Mishra
August 23, 2013 at 1:52 AM
हा हा
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क्या बात है आदरणीय-
ReplyDeleteमस्त
सटीक-
पर गुरूर से दूर, प्यार भरपूर चाहिए |
हा हा
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