Saturday, September 23, 2017

बीयचयू की छात्राओं पर लाठी-चार्ज

बीयचयू की छात्राओं पर लाठी-चार्ज

यह लड़की आजादी चाहती है
मनुवाद की बर्बादी चाहती है
पा गयी जब पढ़ने की इजाजत
हो जिससे आमदनी में बरक्कत
मिली चौखट लांघने की जो इजाजत
पर लग गये पड़ गयी उड़ने की कुआदत
मिली जो पढ़ने की आजादी
मांगने लगी आवारगी की आज़ादी
घूमने-फिरने की आजादी
कहीं भी कभी भी
पढ़ने-लिखने की आज़ादी तक ठीक है
प्यार करने की भी आज़ादी चाहिेए
इसे छेड़खानी से आजादी चाहिए
प्रेम करना पूर्वजों का अपमान है
लड़की प्रतियोगिता के पुस्कार का समान है
छेड़खानी है मर्दानगी की छोटी सी आम बात
मचा दिया जिस पर इतना उत्पात
एक-दो नहीं इसे हर बात की आजादी चाहिए
समाज से आज़ादी चाहिए
जो ले आए उसे इस दुनियां में
उस मां-बाप से आजादी चाहिए
रातों पर सड़कों पर हक की आजादी चाहिए
लक्ष्मण रेखा लांघने की आजादी चाहिए
मांगने तक ठीक था
कहती है लड़ कर लेगी
हक है हमारा आजादी
हद कर दी इस लड़की ने
मुड़ा लिया इसने सिर
खड़ी हो गयी सड़क पर पोस्टर लेकर
भड़काने लगी सीधे-सादे छात्रों को
लगाने लगी आजादी के देशद्रोही नारे
घेर लिया महामहिम स्वयं सेवक कुलपति को
हैं जो हनुमान प्रधान जनसेवक के
राष्ट्र की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा है यह लड़की
इसका एनकाउंटर कर दो
(बीयचयू की छात्राओं पर लाठी चार्ज पर पातकालीन उद्गार)
(ईमि: 24.09.2017)

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