Monday, September 18, 2017

महाबली का डर

क्यों डरता है महाबली
कविता-कहानी पर विमर्श से
कलाकृतियों, गीतों और रंगमंच से
समाज के आइने साहित्य से?
साहित्य तो दिखाता ही रहेगा आइना
यह इसका इतिहास है
और इतिहास की गाड़ी में रिवर्स गीयर नहीं होता।

क्यों डरता है महाबली
प्रेमचंद के गोदान से
और निकाल देता है पाठ्यक्रम से
जैसे कि गोदान किसी पाठ्यक्रम का मोहताज हो?
करता ही रहेगा खंड-खंड ब्राह्मणवादी कर्मकांडी पाखंड।

क्यों डरता है महाबली
सपनों की मौत को सबसे बुरा बताने वाली
पाश की कविता से
और भयाक्रांत बौखलाहट में
निकाल देता है पाठ्यक्रम से
जैसे कि पाश की कालजयी कविताएं
किसी पाठ्यक्रम की मोहताज हों?
लेकिन वह तो घास है
जलाते रहो काटते रहो
उगती ही जाएगी फैलती ही जाएगी।

यह इकलौता कायर महाबली नहीं है
पूरा इतिहास है कलम और कूची से डरने वाले
कायर महाबलियों का
रोकना चाहता था वह अमरीकी कायर बाहुबली
जो भी नाम है मानवता के उस हत्यारे का
केनेडी, विल्सन, निक्सन, जैक्सन या ट्रंप
लेकिन उनके गीत तो विचार हैं
दुनिया के हर इंकिलाबी की जबान पर रहते हैं
साथी पॉल रॉब्सन।

महाबली कायर और डरपोक ही नहीं
दुर्बुद्धि भी होता है
लेता नहीं सबक इतिहास से
करता है साहित्य पर आघात काआत्मघात
और समा जाता है इतिहास के कूड़ेदान में
(कलम की प्रातकालीन आवारगी)
(ईमि:19.09.2017)

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