Tuesday, August 23, 2016

औरत

क्या नहीं कर सकती है औरत?
लक्मीसहगल, गीता गैरोला, महाश्वेता बन सकती है औरत
लॉरा ज़ेटकिन, रोज़ालक्ज़ंबर्ग बन सकती हेै औरत
औरत की परिभाषा बदल रही है औरत
तोड़कर हुस्न के ज़लवे का पिज़ड़ा
पाजेबों की बेड़ियां और कंगनों की हथकड़ियां
अंतरिक्ष नाप सकती है औरत
फौजी बर्बरता के विरुद्ध इरोम शर्मीला बन सकती है औरत
कलम को औजार-ओ-हथियार बना सकती है औरत
बंदूक से कायम ग़ुलामी के खिलाफ बंदूक उठा सकती है औरत
सफेद को स्याह और स्याह को सफेद कर सकती है औरत
चाय के प्याले में तूफान खड़ा कर सकती है औरत
छोड़कर पीठ देना हवा को
हवा का रुख़ बदल सकती है औरत
ध्वस्त कर मर्दवाद का किला
इंसानियत को मुक्त कर सकती है औरत
(ईमि: 24,08.2016)
(बस यूं ही, सुबह सुबह कलम आवारा हो गया)

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